यूपीएससी की तैयारी करने से पहले कैंडिडेट्स के मन में कई भ्रम पैदा होते है। अभ्यर्थियों को यूपीएससी की तैयारी करने से पहले उनके भ्रम उनकी प्लानिंग को और भी मुश्किल बना देते है। आइये आज हम आपको बताते है कि How to Clear Misconceptions Before Preparing for UPSC.
सिविल सर्विसेज एग्जाम यूपीएससी की गिनती सबसे बड़ी प्रशासनिक परीक्षा के तौर पर की जाती है। औसतन 1 हजार पदों के लिए करीब 10 लाख से अधिक कैंडिडेट्स इसके प्री- एग्जाम में बैठते है। पदों के मुकाबले परीक्षा में वालों की संख्या ज्यादा होने से अभ्यर्थियों के मन में कई भ्रम होते है। यूपीएससी की तैयारी करने से पहले उनके मन में जन्मे भ्रम तैयारी को भी मुश्किल बना देते है। ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब देकर हम आपको बताते है कि How to Clear Misconceptions before Preparing for UPSC. जाने यूपीएससी की परीक्षा से जुड़े ऐसे भ्रम और सच्चाई –

भ्रम 1- यूपीएससी की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षा है ?
सच्चाई– विशेषज्ञों के अनुसार आईएएस की तैयारी करने वाले ज्यादातर अभ्यर्थी मानते है कि यह परीक्षा काफी कठिन परीक्षा है। कुछ ऐसे “Mother of All Exam” भी कहते है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और है। जैसे- परीक्षा में बैठने वाले 10 लाख छात्रों में से 4 से 5 लाख छात्र इस एग्जाम को लेकर सीरियस नहीं होते। इसमें शामिल होने के लिए उनके पास 6 मौके होते है लेकिन ऐसे लोग सिर्फ एक बार ही इस परीक्षा में शामिल होते है।
भ्रम 2- केवल एकेडेमिकटॉपर्स ही यूपीएससी परीक्षा को क्रैक कर सकते है।
सच्चाई– यह सबसे बड़ा भ्रम है। ज्यादातर कैंडिडेट्स को लगता है कि एकेडेमिकटॉपर्स ही यूपीएससी क्रैक कर सकते है, जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। अगर आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो यूपीएससी को क्वालीफाई करने वाले कैंडिडेट्स काफी पिछड़े क्षेत्रों से जुड़े होते है, जिन्हे काफी यूपीएससी की तैयारी की जानकारी भी नहीं थी, लेकिन वे ऐसे समझते है और टॉप भी करते है। इसलिए इसमें शामिल टॉपर्स होना जरूरी नहीं।
” Marks of Recommended Candidates: Civil Services (Main) Examination, 2021“
” Final Result: Civil Services (Main) Examination, 2021“
भ्रम 3- दिनभर में 16 घंटे की पढ़ाई जरूरी है ?
सच्चाई– यूपीएससी की तैयारी करने से पहले ही ज्यादातर कैंडिडेट्स मान लेते है कि इसके लिए 16 घंटे की पढ़ाई जरूरी है। पढ़ाई के घंटे महत्वपूर्ण होते है, लेकिन यह अलग-अलग कैंडिडेट्स पर निर्भर करता है। कई कैंडिडेट्स 14 से 16 घंटे आसानी से पढ़ाई कर लेते है। वहीं, कुछ ऐसे होते है जो 6-7 घंटे से अधिक समय नहीं बिता पाते। पढ़ाई के घंटे कैंडिडेट्स की सहूलियत पर निर्भर करते है। लेकिनएक बात है, जो सबसे अहम है, वह है कोई भी कैंडिडेट्स कितना समय पूरे जोश और मन के साथ पढ़ाई को देता है। भले ही वह 16 घंटे न दे, लेकिन अगर वह बिना ध्यान भटकाए हुए अपनी पढ़ाई कर रहा है और योजना के मुताबिक तैयारी कर रहा है तो यह बेहतर तरीका है। विशेषज्ञ टाइम टेबल बनाने की सलाह देते है तो यही बात परीक्षा में सफल होने के लिए अहम साबित होती है।
भ्रम 4 – परीक्षा में सफल होने के लिए हर जानकारी याद करनी पड़ती है।
सच्चाई– विशेषज्ञों का कहना है कि इस परीक्षा में सफलता के लिए कैंडिडेट्स में जानकारी रटने से जयदा कॉन्सेप्ट्स को समझने और विषय को एनालिसिस करने की समझ होनी चाहिए। इस परीक्षा के जरिये यह जाना जाता है कि कैंडिडेट्स की सूझबूझ, सोचने- समझने की क्षमता कितनी बेहतर है। इसकी मदद से यह तय होता है कि वह प्रशासनिक पद के लिए कितना उपयुक्त है।
भ्रम 5 – सफल होने के लिए कोचिंग में एडमिशन लेना बहुत जरूरी है।
सच्चाई- विशेषज्ञों का कहना है, डिजिटल दौर में सब कुछ मौजूद है, एक क्लिक पर कैंडिडेट आसानी से यूपीएससी के नोट्स से लेकर करंट अफेयर्स, राज्यसभा टीवी प्रोग्राम और स्टडी से जुड़ा हर टॉपिक ढूंढ सकते हैं, वह भी फ्री। सिर्फ कोचिंग ही तैयारी के लिए पहला व अंतिम विकल्प नहीं है। तैयारी की योजना बनाकर सख्ती से पालन करें।
भ्रम 6 – यूपीएससी की तैयारी के लिए अधिक से अधिक किताबें पढ़ें।
सच्चाई- विशेषज्ञों का कहना है, अधिक से अधिक किताबें पढ़ने की जगह कैंडिडेट को यूपीएससी की बेस्ट बुक से पढ़ाई करनी चाहिए और उसे ही कई बार रिवाइज करें। अधिक किताबें पढ़ने की बजाय कॉन्सेप्ट को क्लियर करने पर फोकस करें।
भ्रम 7 -प्रीलिम्स में ज्यादा से ज्यादा सवाल अटैम्प्ट करने चाहिए।
सच्चाई: प्रीलिम्स में हर गलत जवाब के लिए निगेटिव मार्किंग का प्रावधान है। इसलिए सवालों के जवाब सिर्फ अंदाजा लगाकर न दें। प्रीलिम्स के टेस्ट पेपर को सॉल्व करने की प्रैक्टिस डालें।
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Note:- Hello Guys, These Simple Questions & Answers You can understand How to Clear Misconceptions before Preparing for UPSC.